Friday, March 10, 2017

रंगों में प्यार होता है, बड़ी ताकत होती है
रवि अजितसरिया


पूरा देश इस वक्त, होली के रंगों से सराबोर है l सन 2017 की होली, इसलिए भी महत्वपूर्ण हो गई है, क्योंकि देश भर में पांच राज्यों में चुनाव हाल ही में, जो संपन्न हुए है l होली के अवसर पर क्या- बच्चे, क्या बूढ़े, सभी एक दुसरे पर रंग लगा कर खुशियों का इजहार करतें है l बसंत पंचमी के आगमन से ही शुरू होने वाले इस त्यौहार को मानाने के पीछे धार्मिक मान्यता तो है ही. साथ ही मनोरंजन, हर्ष, उल्लास के साथ एक सामाजिक सरोकार भी छिपा रहता है l यही एक त्यौहार है, जो अकेले नहीं मनाया जा सकता है l इसके लिए एक दल की जरुरत होती है l ऐसा माना जाता है कि रंगों में बड़ी ताकत होती है, वह आपस की कटुता, बेमन्स्यता को समाप्त कर देते है l रंगों में होती है, प्यार को बोली l गुवाहाटी में होली अपनी तरह की एक अलग होली होती है l सामाजिक सरोकार का रंग यहाँ जम कर दिखाई देता है l गुवाहाटी में हमेशा से ही परम्परागत होली ही वर्षों से मनाई जाती रही थी, जब तक की आधुनिकता ने उस परंपरा में सेंध नहीं लगा दी l अब गुवाहाटी में आधुनिक होली के रंग देखें जा सकते है, जहाँ एक और परंपरा है तो दूसरी और नवयुवकों के लिए रैन डांस जैसे नयें उपक्रम भी है l इस मिलेजुलें रंग को गुवाहाटी वासी आनंद के साथ ले कर रहें है l
माघ माह के सरकते ही, मौसम में अजीब सी सरसराहट सी आने लगती है l इस सरसराहट की  पदचाप उस वक्त तेज हो जाती है, जब फागुन माह में तेज हवा मौसम को असहनीय बना देती है l हवा में अजीब सी मादकता भर जाती है l चारों और का माहोल धुल भरा होने के चलतें, यह स्पष्ट संकेत लोगों को मिलता है, कि होली का त्यौहार करीब ही है l महिलाएं होली के पन्द्रह दिनों पहले से ही गोबर के कंडे बनाना शुरू कर देती है, जिसे होलिका दहन में होलिका माता की पूजा अर्चना करके जलाया जाता हैl  प्रतीक रूप से यह भी माना जता है कि प्रह्लाद का अर्थ आनन्द होता है। वैर और उत्पीड़न की प्रतीक होलिका, जलती है और प्रेम तथा उल्लास का प्रतीक प्रह्लाद (आनंद) अक्षुण्ण रहता है। महिलाएं ठंडाई, मिठाई अन्य पकवान बना कर, होली महोत्सव को खाज और नाच का एक मनमोहक त्यौहार बना देती है. परिवार के बड़े-बुजुर्गों से आशीर्वाद लेती है l होली के त्यौहार के पालन के लिए, प्रवासियों के एक बड़ी तादाद अपने मूल प्रदेश को लौट जाते है, और परिवार के बीच होली मानते है l गीत और संगीत का यह पर्व प्रकृति के उत्कर्ष को अंगीकार करते हुवे लोगों को भाईचारे का सन्देश देती है l इसी मादकता के बीच, होली के मनमोहक गीतों की बहार लेकर कुछ मनचले निकल पड़ते है l गुवाहाटी में होली के गीतों को लोगों तक पहुँचाने का श्रेय उन कलाकारों एवं सीडी वितरकों को जाता है, जिन्होंने बड़े जतन करकें स्थानीय कलाकारों के साथ घंटों नींद खराब की और नए नए गीत लोगो तक पहुचाएं है l जारी..2
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रंगों का त्यौहार होली न सिर्फ एक पर्व है, बल्कि मनुष्यों के लिए एक आनंददायक,प्रेरणादायक और उत्साह का पर्व है, जहाँ मनुष्य अपने गम और पीड़ा को भूल कर एकता और मिलन के स्पष्ट सन्देश देता है ll इसका जीता जाता उदहारण हमें गुवाहाटी में दिखाई देता है l यहाँ भारतीय संस्कृति की अमिट छाप बनती है, होली के अवसर पर, जब भिन्न-भिन्न जाति और इकाइयों के लोग एक साथ होली खेलते है l यहाँ होलिका दहन का सफलतापूर्वक आयोजन श्री पंचायती ठाकुरबाड़ी जैसी प्राचीन संस्था करती है l   
गुवाहाटी में गोठ और सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन हर वर्ष होतें है l लगभग हर संस्था और समाज का लोग अपने स्तर पर कार्यक्रम आयोजन करतें है, जिसमे समाज के लोगों की तो भागीदारी होती ही है, इत्तर समाज के लोग भी उसमे सिरकत करते है, जो आपसी प्रेम और एकता का सन्देश देती है l यूँ तो चंग और फाग के कार्यक्रम कई जगह होतें है, पर अग्रवाल सम्मलेन और मारवाड़ी सम्मलेन के बड़े सार्वजनिक कार्यक्रमों हर वर्ष आयोजित होतें है, जिसमे हजारों की संख्या में लोग भाग लेतें है l फैसी बाज़ार में तीन जगह पर बड़े कार्यक्रम आयोजित किये जातें है l शनि मंदिर के सामने फ्रेंड्स क्लब  द्वारा, यूनियन बेंक के नीचे होली टोली द्वारा और चाय-गली में एसआरसीबी रोड के वासिंदों द्वारा l होली टोली और फ्रेंड्स क्लब के कार्यक्रमों में बड़ी संख्यां में महिलाओं और बच्चो की मौजूदगी इस बात का प्रमाण है कि कार्यक्रम पारंपरिक दृष्टिकोण से ही आयोजित किये जातें रहें है l इधर होली टोली, जो करीब होली के दस दिनों पहले से ही चायगली में होली के गीतों से माहोल को होलीमय कर देती है l इनके सदस्य मंच पर पारंपरिक वेश-भूषा पहने, ढोल और चंग बजा कर एक पारंपरिक कार्यक्रम पेश करतें है l वही एक गोल घेरे में आम जन नृत्य कर कार्यक्रम का भरपूर आनंद लेतें है l इस पुरे आयोजन में एक बात महत्वपूर्ण है कि लोग अपने परिवाद के साथ बैठ कर होली के मनभावन गीतों का आनंद लेतें है l होली टोली और फ्रेंड्स क्लब के कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए पुरे गुवाहाटी से लोग हर वर्ष आते है l फैंसी बाज़ार की होली, पुरे भारत में प्रसिद्द है, इसकी चर्चा जरुर होती है, जिसके पीछे यह कारण है कि इस उत्सव का आयोजन एक सामाजिक और पारिवारिक आयोजन जैसा होना, जिसमे समाज के हर परिवार का भाग लेना l होली महज एक रंगों का त्यौहार नहीं है, बल्कि आपसी भाईचारे और सोहाद्र का प्रतिक है, जिसमे हर तबके के लोग शामिल होतें है l   
 


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