Friday, August 5, 2016

एक लाखवां बच्चा होने के मायनें
रवि अजितसरिया
भारतीय समयानुसार शनिवार की सुबह ब्राज़ील की राजधानी रियो -डी-जनेरियो में 31वें ओलंपिक खेल शुरू हुए l इस खेल में पूरी दुनिया के करीब 10500 खिलाडी विभिन्न खेल स्पर्धाओं में अपने करतब से मैडल जीतेंगे l कौन सा देश कितने मैडल जीतता है , तालिका में कितने नंबर पर है, यह आने वाले दिनों में देखने वाली बात होगी l
ओलंपिक  खेलों में देश कितने मैडल जीतता है, यह भी देखने वली बात होगी l तेज, ऊँचा और मजबूत(फास्टर, हायर और स्ट्रांगर) के उद्देश्य से शुरू हुए ओलंपिक  खेल, दुनिया भर में, खिलाडियों के लिए एक प्रतिष्ठा का स्थान है, जहाँ वे अपने बेहतरीन प्रदर्शन से शोहरत और रुतबा हासिल करतें  है l नहीं तो, मणिपुर की मैरी कोम को कौन जनता था l अपने श्रेष्ट प्रदर्शन से खिलाड़ी यह सिद्ध कर देता है कि देश, स्थान और सुविधाएँ चाहे कैसी भी हो, कुछ करने का जज्बा अगर हो, तब खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करेगा ही l
इसी तरह पिछले दिनों, गुवाहाटी की श्री मारवाड़ी मैटरनिटी हॉस्पिटल में, उसकी प्रतिष्ठा होने के पश्चात, एक लाखवां बच्चे का जन्म हुवा l एक प्रसूति गृह में रोजाना बच्चें जन्मतें रहतें है, इसमें कोई नयी बात नहीं है, पर एक निजी प्रसूति गृह में एक लाख बच्चें जन्म जाए, यह एक बहुत बड़ी बात हैं l श्री मारवाड़ी मैटरनिटी हॉस्पिटल की स्थापना सन 1985 में श्री मारवाड़ी दातव्य औषधालय की एक इकाई के रूप में आठगांव में स्थापित की गयी थी, जो बेहद कम मूल्यों पर माँ और बच्चे, दोनों की देख-रेख कर सकने का बीड़ा उठाये हुवे थी l इस हॉस्पिटल उन सभी मानकों पर खरा उतर रही थी, जो किसी भी वैवाहिक जोड़े को एक स्वस्थ बच्चे का जन्म से पूर्व और जन्म के पश्चात की सभी सुविधा दे रही थी l गर्भ प्रबंधन, प्रसवपूर्व, प्रसव और प्रसवोत्तर सेवा देने में श्री मारवाड़ी मैटरनिटी हॉस्पिटल ने बिना किसी भेद-भाव के अपनी अहम् भूमिका निभाई है l नवजात शिशुओं और बच्चों के स्वस्थ रहने की सेवाओं के लिए इस हॉस्पिटल ने अपनी उल्लेखनीय योगदान दिया है l जिसकी वजह से यह घटना सभी समाज-बंधुओं के लिए एक नयी ख़ुशी ले कर आयी, और उस समय आयी, जब यह संस्था अपनी स्थापना के एक सौ वर्ष मना रही है l इस घटना को स्वास्थ के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है l जब सन 1916 में मारवाड़ी समाज के कुछ उदार ह्रदय लोगों ने श्री मारवाड़ी दातव्य औषधालय की शुरुवात की थी, तब किसे पता था कि कालांतर में इस औषधालय की दो और यूनिटें खुल जाएगी, जो कम खर्चें पर अत्याधुनिक सेवा प्रदान करेगी l मैटरनिटी सेवा के लिए स्थापित इस हॉस्पिटल में आज भी मृत्यु दर को भली-भांति नियंत्रित कर लिया गया है, जिससे इस हॉस्पिटल में 31वर्षों में 1 लाख बच्चे का जन्म होना संभव हुवा है l रियो ओलंपिक  के स्थान के चयन को लेकर भी बड़ी भ्रम की स्थिति थी l ब्राज़ील जैसी अर्थव्यवस्था में ओलंपिक  जैसी खर्चीली स्पर्धा करवाने से देश की आर्थिक स्थिति डगमगा सकती थी l

पर मजबूत इरादा और कुछ कर सकने का जज्बा, उसको ओलंपिक जैसी बड़ी स्पर्धा की मेजबानी करने का अवसर प्रदान करवा दिया l जिस तरह से हॉस्पिटल ने अपने सिमित संसाधन से जच्चा और बच्चा के स्वास्थ प्रबंधन में एक बड़ी भूमिका निभाई है, उसके डॉक्टर, नर्स और प्रबंधन के सभी लोग बधाई के पात्र है l एक मजबूत डॉक्टरों की टीम और पैरामेडिकल स्टाफ का अपने मरीजों के प्रति कर्तव्य, नर्सों की देख-रेख और हॉस्पिटल में पर्याप्त सुविधाओं ने इस हॉस्पिटल को पूर्वोत्तर भारत इस उन स्वास्थ इकाईयों में शुमार कर दिया, जिसके द्वारा सरकार भी अपनी समस्त योजनाओं को लागू करना चाहती थी l सन 2000 में यूरोपियन यूनियन ने हॉस्पिटल की प्रजनन एवं बल-स्वास्थ सेवाओं को देखते हुए उसके के साथ एक करार करने के लिए संपर्क किया गया, जो गुवाहाटी के 8 वार्डों में निःशुल्क सेवा, अपने ‘आउटरीच’ कार्यक्रम के तहत करेगी l राष्ट्रिय ग्रामीण स्वास्थ मिशन के तहत आने वालें हेल्थ कार्यक्रमों को मारवाड़ी मैटरनिटी हॉस्पिटल के तहत किया जाना, यह साबित करता है कि प्रजनन सेवा की एक उत्कृष्ट इकाई, गुवाहाटी में कार्यरत है l यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि श्री मारवाड़ी दातव्य औषधालय समाज के सहयोग से शुरू हुई थी और आज भी एक बड़ी राशि समाज से दान के रूप में इसे प्राप्त होती है l आज श्री मारवाड़ी दातव्य औषधालय अपनी तीनों इकाइयों, मारवाड़ी मैटरनिटी हॉस्पिटल, फैंसी बाज़ार बाह्रय रोगी बिभाग, और मारवाड़ी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के साथ पूरी तन्मयता से लोगों की सेवा कर रही है l इसके स्थापन के सौ वर्ष पुरे होने पर, समाज के प्रति इसकी जिम्मेवारी पहले से अधिक हो गयी है l चूँकि हॉस्पिटल समाज द्वारा संचालित एक धर्मार्थ संस्था है, एक लाखवें बच्चे के जन्म के साथ ही हॉस्पिटल का समाजसेवा भाव के जज्बे को तो प्रदर्शित करता ही है साथ ही यह भी दर्शाता है कि यह इकाई प्रजनन के क्षेत्र में बेहतरीन सेवा दे रही है l               

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