Friday, August 3, 2018


राष्ट्रीय नागरिक पंजी के सन्दर्भ में..

इस समय राज्य में एन आर सी को लेकर लोग परशान है l जिनके नाम नहीं है, वे आंतकित है, जिनके परिवार के कुछ सदस्यों के ही नाम है, वे अलग परेशान है, जिनके नाम है, पर अशुद्ध है, उनकों भी कुछ समझ नहीं आ रहा है l जिनके परिवार के सभी सदस्यों के नाम है, उनके लिए ख़ुशी का कारण इसलिए भी नहीं है क्योंकि यह एक अंतिम मसौदा ही है, सम्पूर्ण एन आर सी नहीं है l अंतिम एन आर सी में किस तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे, यह कोई कह नहीं सकता l इस एन आर सी के मसौदे के प्रकाशित होने से इस बात इस ख़ुशी सभी को है कि वर्षों से की गयी यह मांग अब पूरी होती दिखाई दे रही है l असम में जाति, भाषा और उपाधि को लेकर पहले से ही कई तरह के दृष्टिकोण है l कई दफा आन्दोलन हो चुकें है l खास करके भाषा को लेकर यहाँ के लोग काफी संवेदनशील है l असम साहित्य सभा जैसी संस्था असमिया को यहाँ के सभी सरकारी कार्यालय में उपयोग करने की मांग वर्षों से कर रही है l इसको असमिया अस्मिता के रूप में देखा जाता रहा है l लगातार प्रवजन होने से यहाँ की जनसांख्यिकी में भारी बदलाव देखने को मिल रहे थे, ऐसे में इस एन आर सी के बहुत बड़े मायने है l अब यह असम की एक हृदयस्थली बन गयी है l चारो और ख़ुशी का वातावरण फ़ैल गया है l जो आशंका जताई जा रही थी, कि कानून व्यवस्था की स्थिति बन सकती है, वह गलत साबित हुई l लोगों ने एक बड़े ह्रदय से एन आर सी के मसौदे का स्वागत किया है l भले ही इसमें लाखों भारतीय लोगों के नाम शामिल नहीं हो पायें है, पर सरकार के आश्वासन पर उनको भरोसा है l लोगों को यह विश्वास है कि उनके नाम अंतिम एन आर सी में जरुर शामिल होंगे l यहाँ एक बात उल्लेख करना अत्यंत जरुरी है कि यह एक भारतीय नागरिकों की पंजी है, जिसमे किसी भी राज्य के लोग हो, अगर वे असम में रहते है, तब उनके नाम इसमें जरुर शामिल किये जायेंगे l यह एक क़ानूनी बाध्यता है, जिसको कोई भी अधिकारी नकार नहीं सकता l नाम शामिल नहीं होने की दिशा में इसको क़ानूनी रूप से चेलेंज भी किया जा सकता है l राष्ट्रीय नागरिक पंजी का इसलिए नवीनीकरण किया गया क्योंकि, बड़ी संख्या में अवेध नागरिक असम में इन वर्षों में प्रवेश कर गए थे l इसमें भारतीय नागरिकों को नहीं शामिल किये जाने की बात की कही भी नहीं है l
चालीस लाख एक बहुत बड़ी संख्या है, जिनको एन आर सी से बाहर रखा गया है l हालाँकि शिकायत और आपति के मौका उन लोगों को मिलेगा, पर यह प्रक्रिया कैसी होगी, इसका आभास अभी किसी को नहीं है l जिन लोगों के नाम तकनिकी कारण से नहीं शामिल हुए है, उनके नाम अवश्य ही शामिल किये जायेंगे, यह तो तय है l यह बात इसलिए कही जा रही है क्योंकि, इतनी बड़ी प्रक्रिया में कई तरह की भूलें रह गयी है, जिनको सुधारना आवाश्यक है l ऐसे लाखों लोग हो सकते है, जो सौ प्रतिशत भारतीय है, जिनके नाम इस मसौदे में शामिल नहीं है और उन्होंने सत्यापन प्रक्रिया को भी पूरी तन्मयता से पूरा किया था, फिर भी उनके नाम एन आर सी के अंतिम मसौदे में शामिल नहीं है l उनके नाम किस तरह से शामिल हो सकेगे यह एक लाक टेक का प्रश्न है l सरकार की तरफ से यह कहा जा रहा है कि छुटे हुए लोगों के नाम एक मानक संचालन प्रक्रिया के तहत सत्यापन करके एन आर सी में डाले जायेंगे l इधर मारवाड़ी सम्मलेन और अन्य सामाजिक संस्थाओं ने भी अपनी तमाम शाखाओं के पदाधिकारियों से कहा है कि वे अपने अपने स्थान के लोगों के नाम डलवाने की प्रक्रिया में लोगों का सहयोग करें l गुवाहाटी पूर्व विधान सभा क्षेत्र के विधायक और गुवाहाटी विकास विभाग एवं शिक्षा मंत्री सिद्धार्थ भट्टाचार्य को पूछे गए एक सवाल पर कहा कि उनके विधायक क्षेत्र में छूट गए भारतीय नागरिकों के नाम डलवाने की प्रक्रिया में उनके मंडल के कार्यकर्ताओं को आम लोगों के सहयोग के लिए लगाया जायेगा, जिससे, किसी भी भारतीय नागरिक को एन आर सी ने नाम डलवाने में कोई असुविधा ना हो l उन्होंने आगे यह भी कहा कि लोगों को अपने नाम शामिल करवाने का पूरा मौका मिलेगा, और किसी को भी आंतकित होने की आवश्यकता नहीं है l
जिनके नाम इस मौसेदे में शामिल नहीं है, वे आगामी 7 तारीख से मिलने वाले क्लेम/आपत्ति और सुधार फॉर्म जरुर भरे, और अपने अधिकार का उपयोग करे l फॉर्म को समझने के लिए http://nrcassam.nic.in/coc.html देखें, और 7 अगस्त के पश्चात मिलने वाले उन फॉर्म को डाउनलोड करके एन आर सी केंद्र में जमा दे सकते है l यह प्रक्रिया 30 अगस्त से 28 सितम्बर तक चलेगी l अभी तक सरकारी सुचना अनुसार ऑनलाइन क्लेम/आपत्ति/सुधार फॉर्म जमा नहीं किया जा सकते l एन आर सी के सन्दर्भ में सामाजिक संगठनों को एक बार फिर आम लोगों की मदद के लिए आगे आना होगा, जिससे उनका विश्वास डगमगाए नहीं, और वे पूरी तन्मयता से इस प्रक्रिया में भाग ले सके l यह भी अभी तय नहीं हुवा है कि जिनके दस्तावेजों को बाहर के राज्यों में भेजा गया था, और सत्यापन हो कर अभी तक वापस नहीं आए है, उनका भविष्य क्या होगा l पर तमाम तरह की अटकलों और विरोधाभासों के बीच यह तो तय है कि इस एन आर सी में भारतीय नागरिकों के सभी नाम जरुर शामिल होंगे और विदेशियों के नाम शत-प्रतिशत काटेंगे l (शेष अगले अंक में)   

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