Saturday, February 7, 2009

जबाबदेही क्यों नही?

अगर गौर से देखें, तब हम पाएंगे कि, सरकारी अमला अपने कार्य पुरी जिम्मेवारी से नही करते, और नतीजा यह होता है, कि एक आम आदमी उसकी सजा भुगतता है। क्या हम अपने सरकारी तंत्र को मजबूत नही बना सकतें । क्या देशवासियों को एक बार फिर आन्दोलन चलाना होगा। इस देश को नोकर्शाहों की गिरफ्त से मुक्ति दिलानें हेतु। देश का बुद्धिजीवी वर्ग अपनी ही चाल में चल रहा है, उसके पास राय देने के आलावा कुछ भी नही है, और एक आम आदमी के पास इतने पावर नही कि, वे भ्रष्टअधिकारियो को हटा सके, क्योंकि, साक्ष्य इतने कमजोर है, कि वे अपनी बात को प्रमाणित नही कर पाते, और वही पुराना ढर्रा चल रहा है। आम आदमी भ्रष्टाचार के दलदल में फँस जा रहा । यह कड़ी कब टूटेगी ?

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