हमारी प्रतिबधता किसके प्रति है? यह सवाल हमारे जहन में बार बार उभर कर आता है। हम उन लोगो की बातो को अनसुनी कर देते है जो हमें तरह तरह की राय देते रहते है। हमारे विचारो को लेकर या फिर हमारे कार्यो को लेकर। हम अपनी प्रतिबधता कोपुनः निर्धारित करने के लिए पर्याप्त समय निकालना चाइए,जिससे हम वह कार्य कर पाने में समर्थ हो सके, जिसके लिए हमने अपने आपको स्थापित किया है। समाज में जिस तरह से कई समस्या व्याप्त है, उनके समाधान के लिए कोन क्या कर रहा है, यह महत्व्यपूर्ण है। जो लोग समाज में एक अग्रणी भूमिका निभाते है, उनकी जिम्मेवारी अन्य लोगो से अधिक है। उनके प्रतिबधता एक समुचित समाज के लिए अधिक है।
1 comment:
sunder pryash hai meri shubhkamnayen
shambhu choudhary, kolkata
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